क्या आप जानते हैं की APMC का फुल फॉर्म (APMC full form) क्या है और इसका क्या उदेश्य है? आजकल Short form का उपयोग काफी जादा किया जाने लागा है इस वजह से कई बार लोग उस टर्म का मतलब ही नहीं समझ पाते हैं। APMC भी उन्ही में से एक है। किसानो के लिए यह एक फायदेमंद चीज़ है पर बहुत सारे लोगो को इसके बारे में तनिक भी जानकारी नहीं है।
एपीएमसी भारत में राज्य सरकार द्वारा स्थापित एक marketing board है। APMC किसानों को धोखाधड़ी करने वाले फ्रॉड जमींदारों से बचाता है। APMC का prime focus यह है कि कोई भी किसान जमींदारों से शोषित न हो और उसे उसके मेहनत का सही मूल्य मिल।
APMC की मदद से अनाजों को या यूं कहें तो खाद पदार्थों को मार्केट में लाया जाता है और उसकी नीलामी के through बेचा जाता है। आज इस article की मदद से मैं आपको APMC की पूरी जानकारी देने की कोशिश करूंगा।
टॉपिक्स जो आज हम cover करेंगे, वह निम्नलिखित हैं:
- APMC का फुल फॉर्म क्या होता है? (APMC full form)
- APMC क्या है?
- APMC से किसानों को क्या लाभ है?
- APMC से किसानों को क्या नुकसान है?
- 2003 APMC act
- 2003 के according APMC का काम
- CONCLUSION
APMC Ful lForm: एपीएमसी का फुल फॉर्म
A- AGRICULTURE
P- PRODUCE
M- MARKET
C- COMMITTEE
APMC का full form “agriculture produce Market committee” होता है, जिसे हम हिंदी में “कृषि उत्पाद बाजार समिति” कहते हैं।
APMC क्या है? – What is APMC in Hindi
Agriculture produce Market committee यानी कृषि उत्पाद बाजार समिति राज्य सरकार के द्वारा संचालित होने वाली एक system है। AGRICULTURE PRODUCE MARKET COMMITTEE के पास मार्केट एरिया में मंडी होती है, जो AGRICULTURAL PRODUCT को control करती है।
कृषि उत्पाद बाजार समिति की रचना किसानों को धोखाधड़ी से बचाने और शोषण से राहत पहुंचाने के लिए बनाई गई है। किसानों के लिए कृषि उत्पाद बाजार समिति बहुत लाभदायक है क्योंकि यह उनके products का सही मूल्य देता है और टाइम पर पेमेंट भी करता है। अगर agriculture produce Market committee ना हो तो किसान अपने हक से वंचित रह जायेंगे।
- पढ़ें: MSMCE full form
APMC से किसानों को क्या क्या लाभ है? – Benefits of APMC
- किसान अपनी फसल की बिक्री के लिए किसी पर निर्भर नहीं होते हैं और उनका फसल अच्छे मूल्य पर सरकार खरीद लेती है।
- किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिलता है जिससे कि वह अपना जीवन अच्छे से यापन कर सकते हैं।
- किसानों के फसल के बिक्री के बीच कोई fraud या बिचौलिया नही होता वे direct अपनी फसल government को बेचते हैं।
- किसानों को फसल को बेचने के लिए एक मंडी मिल जाती है, जहां उनका फसल आराम से बिक जाता है।
- APMC के according किसानों को अपनी फसल पे कोई अलग से टैक्स नही देता परता है।
APMC की क्या क्या कमियां हैं?
- APMC का Monopoly या एकाधिकार– किसी भी व्यापार का एकाधिकार बुरा होता है फिर वो सरकार द्वारा स्थापित की हुई apmc ही क्यू न हो। यह किसानों को अच्छे ग्राहकों से दूर रखता है।
- प्रवेश में बाधाएं
- बाजारों बाजारों में लाइसेंस शुल्क बहुत ज्यादा होती है जिस वजह से किसानों को कई सारे बाजारों में काम करने की अनुमति नहीं होती।
- लाइसेंस के साथ-साथ दुकान के किराए में बहुत ज्यादा होते हैं जो एक किसान आसानी से नहीं भर पाता।
- कार्टेलाइज़ेशन –
- यह अक्सर देखा जाता है कि agriculture produce Market committee में एजेंट एक कंट्रोल बनाने के लिए एक साथ मिल जाते हैं |
- जानबूझकर उच्च बोली लगाने से किसानों को रोका जाता हैं ताकि वे उनका अनाज कम दामों पर खरीद सकें।
- उत्पाद को जोड़-तोड़ करके खोजी गई निम्न कीमत पर खरीदा जाता है जिससे किसानों को उचित मूल्य नही मिलता है और वे अपने हक से वंचित रह जाते हैं।
- किसानों से कम कीमत पर खरीद कर अधिक कीमत पर बेचा जाता है जो की गैरकानूनी और बहुत ही शर्मनाक बात है।
- किसानों की फसल में खामियां निकली जाति है और उन्हें ये बताया जाता है की उनकी अनाज अच्छी quality की नही है, जिससे किसान problem में पड़ जाते हैं और अपने अनाज को काम दामों में बेचने के लिए तैयार हो जाते हैं।
2003 APMC act क्या है?
भारत सरकार ने किसानों के लिए कुछ अच्छा करने का सोचा तो 2003 में उन्होंने एक act लाया जिसे हम एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी के नाम से जानते हैं। यह किसानों के हित में सरकार द्वारा उठाया गया पहला कदम था।
एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी से किसानों को मिलने वाले फायदे निम्नलिखित हैं।
- डायरेक्ट सरकार से फसल को बिक्री।
- किसानों को फसल को बेचने के लिए मंडी की उपलब्धता।
- फसलों की खरीद बिक्री थोक में।
- किसानों के नजदीक बाजार में मंडी लगाना।
2003 के according APMC का काम क्या है?
- किसानों के फसलों का एक निश्चित और उचित मूल्य तैयार करना जिससे वे आराम से बिना धोखाधड़ी के अपनी फसल को बेच सकें।
- किसानों को मंडी की सेवा उपलब्ध कराना, जहां वे आसानी से फसल बेच पाए बिना ज्यादा दौर भाग किए।
- एक तारीख सुनिश्चित करना , ताकि सुनिश्चित तारिक पर ही मंडी लगे और किसान अपनी अनाज को उसी दिन लाकर बेचें और क्या कष्ट न उठाए बार बार मंडी आकार।
- बाजारों को सार्वजनिक करना जिससे कि हर किसान के अपनी फसलों को आराम से बेच सकें क्यू कि आम तौर पर सभी किसानों को सभी बाजारों में अपनी फसल बेचने की अनुमति नही होती है।
- किसानों को बिक्रि के दिन ही भुगतान करना ताकि उन्हें बार-बार आके परेशानी का सामना ना करना पड़े, बार बार आना उनके लिए ठीक नहीं होता क्यू कि उन्हें और भी अनाज उपजाने होते है, वे अनाज उपजाएंगे या अपनी रकम लेने आयेंगे।
More Important Full forms:
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APMC full form: Conclusion
एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी किसानों के लिए लाभदायक है इसमें कोई दो राय नहीं है लेकिन इसमें सुधार की बहुत जरूरत है। कई सारे किसान तो अभी भी अपने अनाज को साहूकारों से कम दामों पर बेच देते हैं और बहुत सारे एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी के होने के बावजूद भी शोषित हो रहे हैं क्योंकि उनके पास agriculture produce Market committee के बारे में नॉलेज की कमी है।
सरकार को इस पर जरूर विचार करना चाहिए और साल में एक बार जरूर किसानों के लिए एक मीटिंग रखनी चाहिए जिसमें की उन्हें एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी के फायदे के बारे में अच्छी तरह से जानकारी देनी चाहिए ताकि वह अपने हक से वंचित ना रहे और पूरा पूरा लाभ उठाएं।
किसानों की वजह से ही हम अपना भोजन कर पाते हैं अगर वे अनाज ना उपजाए तो हो सकता है की हम 2 वक्त की रोटी भी नसीब न हो। इसीलिए पंडित जवाहरलाल नेहरू ने “जय जवान जय किसान” का नारा दिया था।
इस लेख में मैंने आपको APMC की सारी महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोसिस किया है जैसे APMC kya hai, APMC ka full form (APMC full form in Hindi), APMC से फायदे व नुकसान?, APMC ACT।
अंत में मैं आप से यही कहना चाहूँगा की अगर आपको APMC full form, what is APMC in Hindi वाली यह लेख पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पे शेयर जरुर करें। अगर आप कुछ कहना या पूछना चाहते हैं तो निचे कमेंट कर सकते हैं।