MSME full form (MSME का फुल फॉर्म) अक्सर हम सुनते हैं कि सरकार ने एमएसएमई के लिए यह किया गया, सरकार का एमएसएमई पर बड़ा बयान आया है, सरकार ने एमएसएमई के कारोबारियों के लिए समाधान निकाल लिया, सरकार में एमएसएमई के लिए यह निर्णय लिया है। तब हमारे मन में यह विचार आता ही आता है की आखिर यह एमएसएमई (MSME) है क्या? या फिर होता क्या है?
सोचने की बात ये है की अक्सर सरकार एमएसएमई के बारे में बात क्यों करती रहती है?। आज मैं इस आर्टिकल के माध्यम से आपको एमएसएमई की पूरी जानकारी देने की कोशिश करूंगा जैसे MSME का फुल फॉर्म (MSME full form), MSME क्या है? (what is MSME in Hindi), इसके प्रकार आदि।
Topic जो आज हम cover करेंगे…
- फुल फॉर्म ऑफ एमएसएमई (MSME full form)
- एमएसएमई क्या है?
- Types of msme
- Msme act 2006 के अनुसार definition
- 2018 में MSME की क्या definition में change किया गया
- 2020 में क्या बदलाव किया गया
- MSMEs industries list
- अपने बिजनेस को एमएसएमई में रजिस्टर कैसे करें?
- Importance of एमएसएमई
- MSME के लिए क्या लोन ले सकते हैं?
MSME FULL FORM: एमएसएमइ का फुल फॉर्म
- M- MICRO
- S- SMALL &
- M- MEDIUM
- E- ENTERPRISES
MSME का full form, micro small and medium enterprises होता है, जिसे हम हिंदी में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम कहते हैं।
MSME क्या है?
Msme local level पर किया जाने वाला business है। MSME उस टाइप का business होता है, जो छोटे जगहों पर भी कम manpower के साथ किया जा सकता है। Msme two types के होते हैं।
- Manufacturing Enterprise
- Service Enterprise
Types of MSME (MSME के प्रकार)
- Manufacturing Enterprise– Manufacturing Enterprises में नई चीजों का मैन्युफैक्चर करने का काम यानी बनाने का काम होता है। मुख्यतः मैन्युफैक्चरिंग इंटरप्राइजेज में daily uses के सामानों को बनाया जाता है। जिसमें 6500 सामानों का मैन्युफैक्चरिंग होता है। example के रूप में detergent powder, detergent powder हमारे daily use में आता है और यह एमएसएमई के मैन्युफैक्चर इंटरप्राइजेज के अंतर्गत आता है।
- Service Enterprise– Service Enterprise में mainly सर्विस देने का काम होता है। इसे इसे सर्विस सेंटर के नाम से भी जाना जाता है। लोगों को और organisation को सर्विस देने का काम सर्विस सेक्टर का होता है। यह लोगों को या organization को सर्विस प्रोवाइडर करते हैं और उसके बदले fees charge करते हैं। इनका काम एक example के through समझने की कोशिश करते हैं। जैसे की मैन्युफैक्चरिंग इंटरप्राइजेज ने detergent powder का मैन्युफैक्चरिंग किया और उसका packing करके तैयार कर दिया अब उसको मार्केट में भेजने की बारी आएगी तो वे खुद से नहीं भेजेंगे बल्कि कोई सर्विस सेक्टर के एजेंसी को यह काम सौंप देंगे और वह एजेंसी इस डिटर्जेंट पाउडर को मार्केट तक पहुंचाएगी। सर्विस सेक्टर का बिजनेस इसी type का चलता है, सर्विस सेक्टर का बिजनेस इसी टाइप का होता है।
पढ़ें: NOC full form (NOC क्या है)
MSME PRODUCT LIST
Msme के total 6500 से भी ज्यादा products होते हैं। जिसमे से important कुछ निम्नलिखित
- home cooler
- making fancy jewelry
- Making Disposable Cup-plates
- aluminum utensils
- Making a stretcher used in hospital
- Making a Current Meter Per Meter or Volt Meter
- car headlight
- make cloth bags
- wallet and handbag making
- spice making
- Making herbal goods like soap, oil, etc.
- hand made chocolate
- Cookie and Biscuit making (Parle company was also started like this)
- Making and selling indigenous butter, ghee, and paneer
- candle making
- making toffee and sugar sweets
- making soda and different flavored drinks
- Fruit pulp extraction & sale
- Cloud kitchen – Selling food on Swiggy/Zomato
- fence
- basket making
- leather belt shoe or slipper
- shoe polish
- stowage
- plate and bowl making
- broom making
- making traditional medicines
- making paper bags and envelopes
MSME act 2016 के according definition
2006 में बने MSME act के अनुसार msme के types को निर्धारित किया गया हैं।
- Micro enterprises का definition-जिस उद्योग में 25 लाख तक की इन्वेस्टमेंट लगी होती है उसे माइक्रो इंटरप्राइजेज कहते थें।
- Small enterprises का definition- जिस उद्योग में 2500000 से 5 करोड़ तक का investment लगा रहता है उसे small enterprises कहते थें।
- Medium enterprises का definition- जिस उद्योग में 5 करोड़ से 50 करोड़ तक का इन्वेस्टमेंट लगा होता है उसे medium enterprises कहते थें।
एमएसएमई की डिस्क्रिप्शन 2018 में बदले जाने के बाद
2018 में एमएसएमई की डिस्क्रिप्शन में सरकार ने कुछ बदलाव किया। सरकार का मानना था कि एमएसएमई का डिस्क्रिप्शन इन्वेस्टमेंट के अकॉर्डिंग नहीं बल्कि yearly turnover के according होना चाहिए। और सरकार ने वही किया 2018 में इन्वेस्टमेंट के अकॉर्डिंग नहीं बल्कि yearly turnover के according उद्योगों को एमएसएमई में के group में डिवाइड किया गया।
- Micro enterprises – 5 करोड से कम yearly turnover वाले उद्योगों को Micro enterprises को कहा जाने लगा ।
- small enterprises-5 करोड़ से 75 करोड़ के yearly turnover वाले उद्योग को small enterprises कहा जाने लगा ।
- medium enterprises-75 करोड़ से 250 करोड़ के yearly turnover वाले उद्योगों को medium enterprises कहा जाने लगा।
2020 में एमएसएमई की डेफिनिशन फिर बदली गई
- micro enterprises – एक करोड़ की इन्वेस्टमेंट और 50 करोड़ के टर्नओवर वाले उद्योग को micro enterprises कहा जाने लगा।
- Small enterprises-10 करोड़ का इन्वेस्टमेंट और 50 करोड़ का टर्नओवर वाले उद्योगों को small enterprises कहा जाने लगा।
- Medium enterprises-30 करोड़ का इन्वेस्टमेंट 800 करोड़ के टर्नओवर वाले उद्योगों को medium enterprises कहा जाने लगा।
अपने बिजनेस को msme में रजिस्टर कैसे करें?
आप अपने बिजनेस को बहुत ही आसानी से एमएसएमई मेरा रजिस्टर कर सकते हैं। एमएसएमई में रजिस्टर करने के लिए आपको एमएसएमई की वेबसाइट पर जाना पड़ेगा। वहां आपको यह काम करना पड़ेगा कि आपका बिजनेस कौन से group में है चूज करके फॉर्म भर के आपको सबमिट करना पड़ेगा।
फॉर्म भरने के साथ-साथ आपको कुछ important documents की भी आवश्यकता पड़ेगी जो आपको pdf में upload करना होगा। सबमिट करने के बाद आपका बिजनेस एमएसएमई में रजिस्टर हो जाएगा।
एमएसएमई में अपना बिजनेस रजिस्टर करने के फायदे
- बैंक से बॉन्ड फ्री लोन आसानी से मिल जाता है।
- प्रोडक्ट की मार्केटिंग में सरकारी सुविधा मिलती है।
- बिजली बिल में छूट
- सरकारी टेंडर लेने में प्राथमिकता
- Excise Duty Exemption Scheme
IMPORTANCE OF MSME
एमएसएमई हमारे देश के लिए बहुत ही इंपॉर्टेंट है। इसी वजह से सरकार MSME पर ध्यान दिए हुए है।
- employment- एमएसएमई हमारे देश में अच्छी खासी employment provide कराता है। लगभग 11 करोड़ employment msme ने दिया है और आने वाले सालों में ये अनुमान है की 15 करोड़ हो जायेगा।
- GDP- एमएसएमई की वजह से हमारे देश की GDP बढ़ती है। देश के GDP me MSMEs का 29% योगदान है।
- Exports- देश की 50% exports MSMEs होती है।
More Important full forms:
- PDF full form
- CEO full form
- CID full form
- UPI full form
- RDX full form
- AM, PM full form
- CRPF full form
- E-KYC full form
- BC full form
- ITI full form
- AIDS full form
- ATM full form
- GDP full form
MSME full form: Conclusion
इस लेख में मैंने आपको MSME की सारी महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोसिस किया है जैसे MSME kya hai, MSME ka full form (MSME full form in Hindi), MSME से अभिप्राय?, MSME के प्रकार (tpyes of MSME) आदि।
अंत में मैं आप से यही कहना चाहूँगा की अगर आपको MSME full form, what is MSME in Hindi वाली यह लेख पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पे शेयर जरुर करें। अगर आप कुछ कहना या पूछना चाहते हैं तो निचे कमेंट कर सकते हैं।