RT-PCR Full Form: यह क्या है? RT-PCR Test कब, क्यों और कैसे होता है?

RT-PCR full form: पिछले कुछ सालो से भारत एक गंभीर बीमारी से जूझ रहा था। इस दौरान हमे कई तरह नए टर्म सुनने को मिले। कई टर्म तो इतने अजीबोगरीब थे कि उसे बोल पाना लोगो के लिए कठिन साबित हो रहा था। इसी तरह से एक और टर्म प्रकाश में आया वो था RT-PCR जो की एक मेडिकल लाइन से जुड़ा टर्म है।

RT-PCR full form

यह एक प्रकार का टेस्ट होता है जो कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद चर्चा में आया। कोविड के दौरान इस टेस्ट को करना अनिवार्य था। बहुत सारे लोगो को RT-PCR क्या है, इसका फुल फॉर्म (RT-PCR full form) क्या है आदि सवालों की जानकारी नहीं होती है इसलिए आज के इस लेख में हम RT-PCR के बारे में बिस्तार से जानेंगे।

 RT-PCR Full Form: यह क्या है, इसका फुल फॉर्म क्या है?

RT-PCR की फुल फॉर्म का जिक्र करे तो इसका फुल फॉर्म “Reverse Transcription Polymerase Chain Reaction” होता है। ये टेस्ट असल में किसी भी व्यक्ति की रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन जांच करने के लिए किया जाता है।

इस जांच के माध्यम से पता चलता है कि वायरस शरीर में मौजूद है अथवा नहीं। इसके लिए आपके रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट, थ्रोट स्वैब या नाक के पीछे वाले भाग से सैंपल प्राप्त किया जाता है। और इसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए भेज दिया जाता है। रिपोर्ट करीब 12 से 24 घंटे के अंदर आ जाती है।

RT-PCR जांच कैसे ली जाती है ?

RT-PCR में ओरोफैरिन्जियल (मुंह) के अन्दर से लिए गए सैंपल को असल में रुई के फाहे में लिए जाने की प्रक्रिया से है।

वही नेजोफैरिन्जियल (नाक के भीतर से लिए गए गया सैम्पल) लेने चिकित्सीय तरीका :-

1. इस टेस्ट को लेने के दौरान सबसे पहले लैब टेक्नीशियन के जरिए आपके सिर के पीछे हिस्से की तरफ ( करीब 70 डिग्री) करने के लिए निर्देश दिया जाता है।

2. इसके आगे की प्रक्रिया में लैब टेक्नीशियन के जरिए एक स्वैब स्टिक आपके नाक के भीतर डाला जाता है। स्वैब स्टिक आपके नाक के बेस तक बेहद आसानी से पहुंच जाना चाहिए।

 3. स्वैब स्टिक को कुछ सेकंड के लिए नाक में ही रखा जाता है। जिससे वो नाक में से किसी भी स्त्राव को सैंपल के रूप में लिया जा सके।

4. स्वैब स्टिक को घुमाते हुए बेहद धीरे धीरे बाहर निकाल लिया जाता है।

5 :- इस तरह से लिए गए स्वैब को साफ और रोगाणुहीन जार में सावधानी पूर्वक रखकर लैब में भेजा जाता है। वही ओरोफैरिन्जियल (मुंह) के अंदर के लिए गए सैंपल को ऐसे ही तैयार किया जाता है।

RT-PCR टेस्ट कराने की जरूरत क्यों पड़ती है?

1. शरीर के उपस्थित किसी विशेष तरह के वायरस का पता लगाने के लिए यह टेस्ट होता है। वही वायरस का जिक्र किया जाए, तो इन्फ्लूएंजा, साॅर्स सीओवी2 या कोविड 19 का पता लगाने के लिए भी ये टेस्ट प्रभावी माना जाता है।

2. ब्लड में हो रहे आरएनए में कैंसर या फिर ट्यूमर का पता लगाने के लिए भी इस टेस्ट कराने को कहा जाता है।

3. कुछ खास तरह की अनुवांशिक बीमारियों को पता लगाने के लिए कहा जाता है।

जैसा की आपको पहले भी आपको बताया गया है की भारत में महामारी की शुरुआत से ही COVID-19 संक्रमण की जाँच के लिए RT-PCR टेस्ट कराने को आधार माना गया है।

कई विशेषज्ञ की राय के मुताबिक मानव के शरीर में भारत में महामारी की शुरुआत के बाद से ही COVID-19 संक्रमण की जाँच के लिए RT-PCR (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन) टेस्ट की सबसे ज़्यादा मांग हैं। कई विशेषज्ञ इसे मानव कोशिकाओं में कोविड-19 वायरस का पता लगाने के लिए सबसे प्रभावी परीक्षण मानते हैं।

RT-PCR परीक्षण, संक्रमण के प्रसार की जाँच करने के साथ संक्रमितों, विशेष तौर पर यात्रियों के बीच संक्रमितो को चिन्हित करने के लिए प्रभावी माना जाता है।

RT-PCR परीक्षण कोरोनावायरस के संक्रमण का पता चलता है लेकिन इससे ये तय नहीं हो पाता कि कोई व्यक्ति COVID -19 से रिकवर हुआ है कि नही। क्योंकि वह इससे पहले कोविड-19 से संक्रमित था।

मोटे तौर पर कहे तो व्यक्ति से स्वैब के जरिए डीएनए की एक छोटी मात्रा प्राप्त की जाती है। स्वाब की माने तो ये नासोफेरींजल या ऑरोफरीन्जियल  दोनो में से कोई भी हो सकता है। इसका सीधा अभिप्राय किसी के नाक और गले दोनो से सैंपल प्राप्त किया जाता है।

रोगी से सैंपल प्राप्त करने के बाद आरटी-पीसीआर परीक्षण के लिए भेजा जाता है। इसमें आरएनए को वायरल डीएनए में बदलने के लिए कई चरण शामिल है। COVID-19 संक्रमण की जांच के लिए ये जांच काफी खास है। यदि किसी व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो इसका डायरेक्ट रूप से अभिप्राय है कि वो COVID-19 की गिरफ्त में है।

 निजी लैब और सरकारी सुविधाएं दोनो ही नमूने लेने की प्रकिया को पूरी करने में सहयोग देती है। वो टेस्ट देने वालो को रिपोर्ट प्रदान करते है। आपसे लिए गए सैंपल की रिपोर्ट वो महज 24 घंटे के अंदर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के पोर्टल पर रिपोर्ट अपडेट करने का जिम्मा लेते है।

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RT-PCR Full Form: Conclusion

आज के आर्टिकल से आपको बेहद आवश्यक टर्म rt pcr test ka full form की जानकारी साझा की गई। जोकि आपके लिए निश्चित रूप से प्रभावी सिद्ध हुई होगी। कोरोना महामारी का प्रकोप पहले की अपेक्षा कम जरुर हुआ है, लेकिन देश इसके संक्रमण से अभी भी पीड़ित है। एक जागरूक नागरिक होते हुए आपको इसकी जानकारी होनी बेहद जरूरी है।

इस लेख में मैंने आपको TRP की सारी महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोसिस किया है जैसे RT-PCR kya haiRT-PCR ka full form (RT-PCR full form in Hindi), यह test क्यों, कब और कैसे करवाया जाता है।

अंत में मैं आप से यही कहना चाहूँगा की अगर आपको RT-PCR full form, what is RT-PCR in Hindi वाली यह लेख पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पे शेयर जरुर करें। अगर आप कुछ कहना या पूछना चाहते हैं तो निचे कमेंट कर सकते हैं।

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