आप में से बहुत से लोगों ने NOC का नाम तो सुना ही होगा। बहुत सी बार ऐसा होता है जब भी हम किसी भी प्रकार के वाहन को या अन्य वस्तु को खरीदते हैं तो हम सामने वाले से एनओसी की मांग करते हैं। तो आखिर क्या होता है यह एनओसी? NOC का फुल फॉर्म (NOC FULL FORM) क्या होता है? क्या इस्तेमाल होता है इसका?, NOC के रहने पे क्या फायदे व नही रहने पे नुकसान होते हैं? आदि जानिए इस लेख के माध्यम से।
NOC FULL FORM: एनओसी का फुल फॉर्म क्या है?
NOC की फुल फॉर्म “No objection certificate” (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) होती है। इसे भारतीय हिंदी भाषा में “अनापत्ति प्रमाण पत्र” के नाम से भी जाना जाता है।
इस प्रमाण पत्र का अर्थ यह होता है कि आप किसी भी वस्तु से संबंधित कोई भी कदम उठाने जा रहे हो तो जिस व्यक्ति से आप ने वह वस्तु खरीदी है उसे इस चीज से कोई आपत्ति नहीं है।
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एनओसी क्या होता है? (What is NOC in Hindi)
NOC एक प्रकार का प्रमाण पत्र होता है। अर्थात यह एक ऐसा सर्टिफिकेट होता है जो कानूनी तौर पर वैध होता है। कई प्रकार की संस्थाएं, कंपनियां बहुत से मामलों में एनओसी का उपयोग करती है। जब भी आप सेकंड हैंड वाहन खरीदने जाते हैं तो डीलर आपको एक एनओसी सर्टिफिकेट प्रोवाइड करवाता है।
उस सर्टिफिकेट का अर्थ यह होता है कि जिस व्यक्ति ने आपको यह वाहन बेचा है उसे इस डील से कोई आपत्ति नहीं है। यदि आप अभी भी पूर्ण रूप से यह समझ नहीं पाए हैं कि NOC kya hota hai, तो चलिए हम आपको इसे विस्तृत रूप से समझाते हैं।
NOC किसके द्वारा दिया जाता है?
उदाहरण के तौर पर यह मान लीजिए कि आपने बैंक से ₹1000000 का होम लोन 5 साल के लिए 10% इंटरेस्ट पर लिया है। आप उस लोन की EMI समय पर भर रहे हैं, तथा 5 साल में आपने आपका पूरा लोन बैंक को वापस चुका दिया है।
अब लोन पूरा चूक जाने के बाद बैंक आपको एक नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) प्रोवाइड करवाएगा उसके अंदर यह लिखा होगा कि आपने अपना पूरा लोन चुका दिया है। तथा आप पूर्ण रुप से कानूनी तौर पर लोन से मुक्त हो चुके हैं। तो इस उदाहरण से आप समझ ही गए होंगे की एनओसी सामने वाली पार्टी के द्वारा लिखित में दिया जाता है। तथा एनओसी पर दोनों ही पार्टी के साइन होते हैं।
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एनओसी के क्या-क्या फायदे होते हैं?
- NOC एक सरकारी दस्तावेजों है जो कि भविष्य में आने वाली आपत्तियों से आपकी रक्षा कर सकता है अर्थात जिस व्यक्ति से आपने यह सर्टिफिकेट लिया है वह आप पर वस्तु से संबंधित किसी भी प्रकार का ऑब्जेक्शन नहीं उठा सकता है।
- इस सर्टिफिकेट का इस्तेमाल आप अदालत, व्यापार, रोजगार, शिक्षा आदि में प्रयोग ले सकते हैं उदाहरण के तौर पर किसी भी प्रकार की वस्तु का व्यापार करने के बाद आप सामने वाले व्यक्ति से एनओसी सर्टिफिकेट की मांग कर सकते हैं।
- न्यायालयों में एनओसी का इस्तेमाल आपके प्रतिबंधी के खिलाफ सबूत के तौर पर भी किया जा सकता है।
- एनओसी एक ऐसा सर्टिफिकेट होता है जो कि दोनों ही पार्टियों की पूर्ण जानकारी तथा मामला की पूर्ण जानकारी रखता है।
- बहुत से सरकारी कार्यों में नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। एनओसी आप के केस में आपको सहायता प्रदान कर सकता है
एनओसी नही लेने के नुकसान
- यदि आप एनओसी नहीं लेते हैं तो सामने वाला व्यक्ति आपके ऊपर झूठा मुकदमा कर सकता है।
- एनओसी ना होने के कारण से सामने वाला व्यक्ति अदालत में झूठे गवाह आपके खिलाफ पेश कर सकता है
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आपने बैंक से लोन लिया और आपने उस लोन को चुका भी दिया परंतु आपने एनओसी नहीं लिया, तो बैंक आप पर मुकदमा कर सकता है तथा आपको अपना लोन वापस भरना पड़ सकता है।
मोटर व्हीकल एक्ट 1998 के अनुसार एनओसी के लिए अप्लाई कैसे करें
- आप एनओसी की एप्लीकेशन को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए वाहन के मालिक को RTO जाकर पर्सन को रजिस्टर करना होगा
- इसके बाद वाहन के मालिक को अध्याय 4 धारा 48 मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत फॉर्म 28 भरकर एनओसी के लिए अप्लाई करना होगा।
- वाहन के मालिक को निर्धारित राशि आरटीओ में जमा करनी होगी। एनओसी की प्रोसेसिंग और चार्जेस रूल नंबर 88 सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल (CMV) 1989 में लिखे हुए हैं। आमतौर पर यह राशि ₹100 की होती है।
- इसके बाद भारत सरकार द्वारा जो भी आपसे कर मांगा जाता है वह आपको भारत सरकार को देना होगा यह कर आप की एनओसी की प्रोसेसिंग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
- जैसे ही आप एनओसी के लिए अप्लाई कर देंगे आरटीओ आपके वाहन पूरी जांच करेगा। इस जांच में आपके वाहन पर किसी भी प्रकार का टैक्स कर्ज या लोन चेक किया जाएगा तथा आपके राज्य की पुलिस से यह कंफर्म किया जाएगा कि इस वाहन को किसी गैरकानूनी काम में तो इस्तेनाल नही किया जा रहा।
- यदि आपकी एनओसी की प्रोसेस किसी भी परेशानी के बिना पूर्ण हो जाती है तो आपको आरटीओ द्वारा एनओसी का अप्रूवल मिल जाएगा।
- अप्रूवल मिलने के बाद 3 दिनों में आपका एनओसी आपके पास आ जाएगा।
एनओसी कितने समय के लिए वैध होता है।
एक बार RTO द्वारा एनओसी अप्रूव होने के बाद यह 6 महीने तक के लिए वैध होता है। यदि आपको 6 महीने से ज्यादा हो गए हैं और आप अपनी गाड़ी को एक राज्य से दूसरे राज्य ले जाना चाहते है तो आपको इसके लिए एनओसी को फिर से दर्ज करना करना होगा।
वाहन खरीदने वाले व्यक्ति को 6 महीने के अंतर्गत ही एनओसी को अपने नाम पर रजिस्टर कराना होगा। यदि खरीदार 6 महीने में इसे पूर्ण रूप से रजिस्टर नहीं करवाता है तो एनओसी प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया को वापस दोहराना होगा।
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NOC full form: Conclusion
एनओसी एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है क्योंकि यह एक सरकारी दस्तावेज है तथा बहुत से कारणों में आपकी सहायता कर सकता है तथा आपके ऊपर आने वाली आपत्ति से भी आपको बचा सकता है तो याद रहे जब भी आप किसी भी महंगी वस्तु का आदान प्रदान करें तो एनओसी लेना ना भूलें। एनओसी की मांग आप किसी भी व्यक्ति से कर सकते हैं तो इस लेख के माध्यम से आप यह समझ ही गए होंगे एनओसी क्या होता है।
इस लेख में मैंने आपको NOC की सारी महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोसिस किया है जैसे NOC kya hai, NOC ka full form (NOC full form in Hindi), एनओसी से अभिप्राय?, NOC के फायदे व इसे नहीं बनवाने पे नुकसान, NOC कैसे बनवाएं आदि।
अंत में मैं आप से यही कहना चाहूँगा की अगर आपको NOC full form, what is NOC in Hindi वाली यह लेख पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पे शेयर जरुर करें। अगर आप कुछ कहना या पूछना चाहते हैं तो निचे कमेंट कर सकते हैं।