MLC full form (MLC का फुल फॉर्म) | MLC क्या है (what is MLC in Hindi): आप सभी ने कभी ना कभी न्यूज़ चैनलों के द्वारा, सोशल मीडिया के द्वारा विधान परिषद के बारे में सुना होगा। विधान परिषद राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण अंग होता है। वर्तमान समय में देखा जाए तो भारत के केवल 6 राज्यों में ही विधान परिषद मौजूद है।
भारत का नागरिक होने के नाते विधान परिषद विधानसभा के बारे में सही जानकारी जानना हम सभी का कर्तव्य है। आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि ” एमएलसी का फुल फॉर्म क्या होता है “MLC full form in Hindi” के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी इस लेख के माध्यम से आप सभी को देने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं.
एमएलसी ( MLC) क्या है?
सबसे पहले एमएलसी की फुल फॉर्म जानने से पहले हम आपको बताना चाहेंगे कि आखिर ये एमएलसी होता क्या है।
एमएलसी विधान परिषद के सदस्य को कहा जाता है ये सभी सदस्य विधान सभा मे बैठने वाले सदस्य होते हैं इन को एमएलसी चुनाव के बाद चुन लिया जाता है। इनको ही एमएलसी कहते हैं।
एमएलसी राज्य के द्विसदनीय विधानमंडल के उच्च सदन विधान परिषद का मेंबर होता है। इन मेंबर को मेंबर ऑफ लेजिसलेटिव ( MLC) कहते हैं। एमएलसी सदस्यों का चुनाव आम जनता के द्वारा नहीं होता है अर्थात जनता प्रत्यक्ष रूप से इनको नहीं चुनती है।
एमएलसी मेंबर्स का कार्यकाल 6 साल का होता है। इन सदस्यों को निकाय और राज्यपाल स्नातक, शिक्षक, राज्य विधानसभा के द्वारा 6 साल के लिए चुन लिया जाता है। हालाकी विधान परिषद के कुछ सदस्य की तो हर 2 साल बाद सेवानिवृत्ति हो जाती है। उसके बाद नए सदस्यों का चुनाव भी किया जाता है। विधान परिषद के सदस्य को विधायक वाली सभी शक्तियां मिलती है।
MLC Full Form: एमएलसी का फुल फॉर्म
एमएलसी का फुल फॉर्म इंग्लिश में “Member of the Legislative Council” (“मेंबर ऑफ लॉजिकलेटिव कौंसिल”) होता है। हिंदी में इसको विधान परिषद का सदस्य भी कहा जाता है। विधान परिषद का गठन हमारे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 169, 171(1), 171 (2) के अंतर्गत किया है। एमएलसी फुल फॉर्म इन इंग्लिश…
- M – member of
- L – Legislative
- C – Council
विधान परिषद क्या होता है
किसी भी राज्य के विधान मंडल में दो तरह के सदन होते हैं उच्च सदन को विधान परिषद कहते हैं और निम्न सदन को विधानसभा कहा जाता है। विधान परिषद राज्य के विधान मंडल का स्थाई सदस्य होता है इसलिए वह सदन को भी भंग नहीं कर सकता है।
हमारे देश के कुल 31 राज्यों में से 6 राज्य ऐसे हैं जिनमें से बिहार उत्तर प्रदेश कर्नाटक तेलंगाना आंध्र प्रदेश महाराष्ट्र में विधान परिषद में विधान परिषद की व्यवस्था होती है विधान परिषद सदस्य की संख्या उस राज्य की विधानसभा सदस्यों की जितनी संख्या है उसकी एक तिहाई संख्या इन सदस्यों की होती है।
एमएलसी बनने के लिए योग्यता
एमएलसी बनने के लिए अर्थात विधान परिषद का सदस्य बनने के व्यक्ति के पास निम्न योग्यताओं का होना जरूरी है…
- सबसे पहले विधान परिषद का सदस्य बनने के लिए व्यक्ति के पास में भारत की नागरिकता होना जरूरी है।
- एमएलसी सदस्य बनने के लिए कम से कम 30 साल की उम्र या उससे अधिक होनी चाहिए।
- एमएससी बनने वाले उम्मीदवार मानसिक रूप से सही होने चाहिए, उनमें हर परिस्थिति की सही निर्णय लेने की क्षमता जरूर होनी चाहिए।
- उम्मीदवार व्यक्ति का नाम अपने गांव शहर की मतदाता सूची में जरूर होना चाहिए।
- एमएलसी उम्मीदवार एक समय में विधान परिषद का सदस्य या किसी भी सरकारी पद पर नहीं होना चाहिए।
इन सभी योग्यता का होना विधान परिषद के सदस्य बनने के लिए जरूरी है।
भारत के किन राज्यों में विधान परिषद मौजूद है?
भारत के कुछ राज्यों लोकतंत्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा को विधान परिषद कहते हैं। वर्तमान समय में भारत के कितने राज्यों में ही विधान परिषद मौजूद हैं उनके नाम बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना है। इसके अलावा राजस्थान, असम, उड़ीसा,को भारत की संसद में सबसे विधान परिषद सदस्य बनने की पूर्णतया मंजूरी दे दी।
एमएलसी का चुनाव कैसे होता है
एमएलसी अर्थात विधान परिषद के सदस्यों के लिए जो चुनाव होता है, वह अप्रत्यक्ष रूप से होता है अर्थात इस चुनाव के लिए आम जनता की कोई मौजूदगी नहीं होती है। बल्कि एमएलसी सदस्यों के लिए जो चुनाव होता है वह जनता के द्वारा प्रतिनिधि वोट देकर जिन सदस्यों को चुना जाता है उन्हीं के द्वारा यह चुनाव होता है।
विधान परिषद के एक तिहाई सदस्यों को विधानसभा के सदस्य सभी विधायक मिलकर चुनते हैं। एक तिहाई सदस्य को जनता के प्रतिनिधि करने वाले जैसे नगर निगम, नगर पालिका,पंचायत समिति के सदस्य मिल कर चुनते हैं।
इसके अलावा1/22 मेम्बर को ग्रेजुएट व 1/12 मेंबर को राज्य के शिक्षक चयन करते हैं। बाकी बचे हुए सभी सदस्य का चुनाव राज्यपाल के द्वारा होता है। उदाहरण के लिए अगर आपको उत्तर प्रदेश के 100 एमएलसी सदस्यों को चुनना हो
तो उसमें 38 सदस्यों को एमएलए और विधायक के द्वारा 36 सदस्यों को जनता के प्रतिनिधि के द्वारा 16 सदस्यों को शिक्षक और ग्रेजुएट और 10 सदस्यों को राज्यपाल के द्वारा चुन लिया जाता है।
एमएलसी का चुनाव पार्टी के सिंबल नहीं होता अर्थात एमएलसी चुनाव में कोई चुनाव नहीं होते हैं, बल्कि चुनाव में एमएलसी उम्मीदवार के आगे पहली प्राथमिकता लिखना जरूरी है। जिस एमएलसी उम्मीदवार को सबसे ज्यादा प्राथमिकता मिल जाती है, वही व्यक्ति चुनाव जीत जाता है।
एमएलसी के कार्य (Works of MLC)
एमएनसी के कार्य की जानकारी निम्न है…
- एमएलसी सदस्य मंत्रिमंडल में कानून बनाने और सभी समस्याओं पर बात करने के लिए अपना प्रस्ताव रखते हैं।
- एमएलसी में विधान मंडल के सदस्यों को शामिल किया जाता है।
- एमएनपी विधान परिषद के कार्यों पर विशेष रूप से ध्यान देते हैं।
- एमएलसी का काम सभी बिलो को स्वीकार व अस्वीकार करने का कार्य भी होता है।
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MLC full form: Conclusion
आज हमने इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी को “एमएलसी फुल फॉर्म” के बारे में जानकारी प्रदान की है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको जो भी इंफॉर्मेशन एमएलसी अर्थात मेंबर ऑफ लेजिसलेटिव काउंसिल के बारे में दी है वह आपको जरूर पसंद आएगी। इस पोस्ट को आप अधिक से अधिक लाइक शेयर कीजिए और अगर आपको इस पोस्ट से संबंधित अन्य ओर किसी भी तरह के विषय में जानना है तो आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके पूछ सकते है।
इस लेख में मैंने आपको MLC की सारी महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोसिस किया है जैसे MLC kya hai, MLC ka full form (MLC full form in Hindi), MLC से अभिप्राय?आदि।
अंत में मैं आप से यही कहना चाहूँगा की अगर आपको MLC full form, what is MLC in Hindi वाली यह लेख पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पे शेयर जरुर करें। अगर आप कुछ कहना या पूछना चाहते हैं तो निचे कमेंट कर सकते हैं।