CNG full form: आज दौर में हमारे पास प्राकृतिक संसाधन बेहद सीमित मात्रा में है, जोकि बेहद सोचनीय है। पेट्रोल, डीजल, कोयला केरोसिन ऑयल में तेजी से कमी आ रही। अगर ये संसाधन खत्म हो गए तो हमारे लिए ये काफी दिक्कत का सबब बन सकती है। यही वजह है कि हमें संसाधनों को बचाने की हिदायत दी जाती है।
CNG भी इन्ही प्राकृतिक संसाधनों में से एक है जिसका इस्तेमाल बहुत तरह से किया जाता है। पर बहुत सारे लोगो को सीएनजी के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं होती है।
इसलिए, आज के इस लेख में मैं आपको CNG के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाला हूँ। जैसे CNG क्या है, CNG का फुल फॉर्म (CNG full form in Hindi), इसके लाभ और हानी, CNG का इतिहास, इसका उपयोग कहा और किसलिए किया जाता है आदि। तो चलिए सुरु करें।
CNG Full Form: CNG क्या है, इसका फुल फॉर्म
CNG का इंग्लिश में फुल फॉर्म Compressed Natural Gas है। वही हिंदी में इस टर्म का फुल फॉर्म “संपीडित प्राकृतिक गैस” है। हिंदी वाले टर्म से बहुत कम लोग परिचित होगे। आमतौर पर सुविधा के अनुसार CNG के नाम से जानते है।
पहले लोग सीएनजी के बारे में कुछ खास नहीं जानते थे, लेकिन आज के दौर में इसे वाहन में इस्तेमाल करने के चलते हर कोई इस टर्म से बखूबी रूप से वाकिफ हो गए है। वही एक से बढ़कर एक यातायात के साधन भी आ गए है, जिसमें लोग अपनी मर्जी के अनुसार पेट्रोल या डीजल का इस्तेमाल कर सकते है।
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CNG का उपयोग किस संदर्भ में किया जाता है ?
CNG एक तरह का ईंधन है और मुख्य तौर पर इसका उपयोग गैसोलीन, डीजल या एलपीजी के स्थान पर किया जाता है। आपको बता दे कि जब सीएनजी गैस को जलाया जाता है, तो इस स्थिति में ये अन्य ईंधन की अपेक्षा कम हानिकारक गैस को प्रोड्यूस करती है।
CNG के आविष्कार का इतिहास
अमेरिका में साल 1800 के समय सीएनजी का अविष्कार किया गया। उस दौरान इसे इटली और अन्य यूरोपीय देशों में ईंधन के तौर पर स्वीकारा था। वही धीरे धीरे इसके उपयोग किए जाने पर बल दिया जाने लगा। जिससे कि पर्यावरण का बचाव किया जा सके। असल में ये गैस हवा से भी हल्की होती है।
और खास बात तो यह है कि इसे 200 से 250 किलो प्रति वर्ग सेमी तक दबाया जा सकता है। इसके दबने की मुख्य वजह है कि ये बेहद आसानी से बेलनाकार पात्र में कम जगह में बड़े आराम से भरी जा सकती है।
CNG में अहम रूप से मौजूद पदार्थ
CNG में लेड, सल्फेट जैसे पदार्थ नहीं होते इसी के चलते इसमें रिएक्टिव हाइड्रोकार्बन 70% और नाइट्रोजन ऑक्साइड 85% पाया जाता है। वही इसमें मिथेन गैस सर्वाधिक मात्रा में पाई जाती है। यही कारण है कि ये रंगहीन,गंधहीन, विष रहित होती है। इसे इस्तेमाल करने से प्रकृति को खास तौर पर नुकसान पहुंचता है।
भारत में मौजूदा समय में सीएनजी स्टेशन
देश में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के चलते उत्तर प्रदेश में 485 सीएनजी स्टेशन हैं। वही महाराष्ट्र में मौजूदा समय में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के मुताबिक 2021 तक 488 सीएनजी स्टेशन हैं। आपकी जानकारी बढ़ाने के लिए बता दे कि
गेल गैस और अदानी गैस देश में सीएनजी मुहैया कराने वाली टॉप लेवल की कंपनियों में शामिल है।
सीएनजी का उपयोग अधिकांश रूप से कहां किया जाता है ?
सीएनजी का इस्तेमाल अधिकतर बड़े वाहन के लिए किया जाता है। जैसे कि बस।इसके अलावा कार ,थ्री व्हीलर और टैक्सी में भी आजकल सीएनजी गैस का प्रयोग किया जा रहा है। इसके पीछे एक खास वजह है कि पेट्रोल और डीजल की वजह से पर्यावरण को खासा नुकसान पहुंचा है। वही सीएनजी से युक्त वाहन से प्रदूषण कतई नहीं फैलता।
पर्यावरण को नुकसान होने के चलते देश में सीएनजी के प्रयोग को अधिक बल दिया जा रहा है। लोगों को इस बारे में जानकारी दी जा रही है कि वो कैसे सीएनजी का प्रयोग करके पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं। दिल्ली जैसे बड़े शहर में प्रदूषण के चलते शहरों में धुंध सा जमा हो जाने वाली घटनाएं घट रही। इससे लोगों को सांस लेने में काफी तकलीफ होती है।
इस समस्या से निपटने के लिए लोग सीएनजी वाले वाहनों का इस्तेमाल करे तो वो पर्यावरण के हित में निर्णय है। वही बड़े-बड़े शहरों में जैसे कि मुंबई, बनारस, कोलकाता में सीएनजी को लेकर सरकार काफी बल दे रही है। इसके पीछे असल वजह पेट्रोल ,डीजल जैसे द्रव्य पदार्थों को जलाने पर नाइट्रोजन गैस निकलती है।जोकि वायु को प्रदूषित करती है। वही सीएनजी गैस का वातावरण पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता।
CNG गैस के चुनिंदा फायदे:
ये गैस पर्यावरण के लिए पूरी तरह अनुकूल होती है। और ये पेट्रोल डीजल की अपेक्षा बेहद कम हानिकारक गैस साबित होती है।
CNG गैस के उपयोग करना पेट्रोल और डीजल की अपेक्षा बेहद सस्ता साबित होता है, क्योंकि इसके उपयोग किए जाने पर गाड़ी करीब 18 KM/KG चलती है। वही पेट्रोल से चलने वाली गाड़ी महज 10KM/Liter की दूरी तय करने में कामयाब होती है।
पेट्रोल और डीजल में अधिकांश तौर पर मिलावट पाई जाती है। लेकिन CNG मिलावट होने की संभावना न के बराबर होती है।
CNG गैस के चुनिंदा नुक़सान:
CNG रहित गाड़ियों में CNG Tank लगाने की कोई खास जगह नहीं होती। इसे गाड़ी की डिक्की में लगाया जाता है। इस वजह से गाड़ी की डिग्गी पूरी तरह से बंद हो जाती है। उसमें बिल्कुल भी जगह नहीं बचती।
सीएनजी गैस गंधहीन होती है, अगर ये गलती से लीक हो गई , तो इसका पता लगाना काफी जटिल हो जाता है। CNG वाहनों के कन्वर्जन किट की कीमत 30,000
से 40,000 के मध्य होती है। वही बसों में कन्वर्जन किट की कीमत आंके तो ये तकरीबन 3 लाख रुपए होती है।
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CNG FULL FORM: निष्कर्ष
CNG गैस पूरी मानव प्रजाति और पूरे पर्यावरण के लिए किसी वरदान से कम नहीं। इस गैस की खास उपयोगिता है।ये पर्यावरण को बचाने में तो योगदान देती ही है, साथ में इसका उपयोग वाहन को चलाने के लिए भी किया जाता है। संसाधन कोई भी ये सब पृथ्वी पर सीमित रूप से उपलब्ध होते है। इस लिहाज से ये हमारी ड्यूटी है कि हम इसका सही उपयोग करें।
इस लेख में मैंने आपको CNG की सारी महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोसिस किया है जैसे CNG kya hai, CNG ka full form (CNG full form in Hindi), सीएनजी का आविष्कार किसने और कब किया, सीएनजी के उपयोग (Use of CNG)। आदि।
अंत में मैं आप से यही कहना चाहूँगा की अगर आपको CNG full form, what is CNG in Hindi वाली यह लेख पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पे शेयर जरुर करें। अगर आप कुछ कहना या पूछना चाहते हैं तो निचे कमेंट कर सकते हैं।