PCS सेवाएं भारतीय युवाओं में सबसे लोकप्रिय परीक्षाओं में से एक है।। यह एक सिविल सेवा परीक्षा है जिसे State Service Commissioners द्वारा प्रशासित किया जाता है। PCS उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यकारी शाखा की प्रशासनिक सिविल सेवा है, जो Group A राज्य सेवा के अंतर्गत आती है। यह राज्य की भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए फीडर सेवा के रूप में भी कार्य करता है।
PCS अधिकारी tax administration और law and order enforcement सहित sub-divisional, district circle और राज्य स्तरों पर विभिन्न क्षमताओं में कार्य करते हैं। PCS सेवा का cadre-controlling authority विभाग उत्तर प्रदेश सरकार का Department of Appointment and Personnel है।
PCS को Combined State / Upper Subordinate Services Examination के नाम से भी जाना जाता है।
अगर आप एक क्षात्र है और PCS परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपके पास इसके बारे में पूरी जानकारी होना आवश्यक है जैसे- PCS क्या है, PCS का फुल फॉर्म (PCS full form in Hindi) क्या है, PCS परीक्षा के लिए न्यूनतम योग्यता, आयु इत्यादि। तो चलिए PCS परीक्षा की कुछ जानकारी प्राप्त करें।
PCS Full Form: What is PCS (PCS क्या है?) | PCS का फुल फॉर्म
English में PCS का full form होता है – Provincial Civil Services
Hindi में PCS का full form होता है – प्रोविंशियल सिविल सर्विसेस (प्रांतीय सिविल सेवा)
एक PCS officerकी नियुक्ति राज्य सिविल सेवा परीक्षा द्वारा होती है। समझने वाली बात यह है की IAS और PCS के बीच अंतर है। कई उम्मीदवार इन दोनों सेवाओं के बीच के अंतर को समझ नहीं पाते। IAS अधिकारियों की भर्ती UPSC की All India Civil Service परीक्षा द्वारा की जाती है, जबकि PCS अधिकारियों की भर्ती SPSC की State Civil Service परीक्षा के माध्यम से की जाती है।
Indian Administrative Service (Appointment by Promotion) Regulations, 1955 के तहत कोई PCS अधिकारी आठ साल की सेवा पूरी करने के बाद IAS बन सकता है। लेकिन वास्तव में, दो दशकों की सेवा के बाद ही कोई PCS IAS के पद पर पहुंच पाता है।
UP PCS (Provincial Civil Service) की official website है: uppsc.up.nic.in
Jharkhand PCS की ऑफिसियल वेबसाइट है: www.jpsc.gov.in/
आपको समझना ये है की, यूपीएससी की ही तरह हर राज्य की भी अपनी एक पब्लिक सर्विस कमीशन होती है। इन पब्लिक सर्विस कमिशनों के द्वारा State Label पर विभिन्न अधिकारियो की नियुक्ति परीक्षा के द्वारा कराइ जाती है। और इन्ही अधिकारियो को ही प्रोविंशियल सिविल सर्विसेस (PCS) कहते हैं।
PCS और IAS अधिकारी में एक मुख्य अंतर यह भी है की एक आईएस अधिकारी का वर्क एरिया पुरे भारत में कही भी हो सकता है यानि की आईएएस अधिकारी का तबादला भारत के किसी भी राज्य में हो सकता है और वो वहां सेवा दे सकता है। परन्तु PCS अधिकारी का तबादला केवल अपने ही राज्य के भीतर अन्य जगह हो सकता है। अर्थात् PCS अधिकारी का वर्क एरिया केवल वही राज्य होता है।
- पढ़ें: UPSC full form in Hindi
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Which posts come under PCS? (PCS के अंतर्गत कौन से पद आते हैं?)
एक PCS अधिकारी आमतौर पर अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद Sub Divisional Magistrate (SDM) या Deputy Collector के रूप में काम करता है। वह City Magistrate, फिर Additional District Magistrate और अंत में Additional Collector बनता है।
कुछ वर्षों की सेवा के बाद उन्हें Chief Development Officer (CDO) के रूप में भी पदोन्नत किया जाता है। PCS अधिकारी divisional level पर Supplementary Divisional Commissioners के रूप में कार्य करते हैं। PCS कर्मी राज्य सचिवालय में Special Secretary, Joint Secretary और Deputy Secretary के रूप में भी काम करते हैं।
इनके अलावा राज्य PCS के अंतर्गत आने वाले विभिन्न पदों की सूची नीचे दी गयी है।
Group A:
- Deputy Collector
- Deputy Magistrate
- Block Development Officer
- Revenue Service Officer
- Labour Service Officer
- Co-operative Service Officer
- Employment Service Officer
- Food and Supplies Service Officer
Group B:
- Deputy Superintendent of Police
- Assistant Superintendent of Police
- Inspector-General of Police
- Police Inspector
- Sub Divisional Police Officer
- Senior Superintendent of Police
- Jail Superintendent
- Forest Officer
Group C:
- Joint Block Development Officer
- Junior Social Welfare Service Officer
- Correctional Home Service Officer
- Land Revenue Service Officer
- Chief Controller of Correctional Services
- Deputy Assistant Director
- Commercial Tax Officer
- District Cane Officer (U.P.)
Group D:
- Inspector of Co-operative Societies
- Panchayat Development Officer
- Rehabilitation officer
- Assistant Employment Officer
- District Social Welfare Officer
किसी राज्य के क्षेत्रीय उद्देश्यों और सांस्कृतिक विशेषताओं के आधार पर, विभिन्न राज्यों में PCS पदों के अलग-अलग नाम हो सकते हैं।
Required eligibility and qualifications for PCS (PCS के लिए आवश्यक पात्रता और योग्यता):
- उम्मीदवार के लिए भारत का नागरिक होना जरूरी है।
- PCS अभ्यर्थी का किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री या उसके समान डिग्री प्राप्त करना आवश्यक है। वैसे तो किसी भी विषय पर स्नातक डिग्री होना एक उम्मीदवार को PCS परीक्षा में हिस्सा लेने योग्य बना देता है पर कुछ विशिष्ट पदों के लिए आवेदन करते समय विशिष्ट योग्यता की आवश्यकता होती है जिसकी जानकारी आप UPPSC की नोटिफिकेशन से प्राप्त कर सकते हैं।
- General Category के उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा 21 – 40 वर्ष है। उत्तर प्रदेश में शारीरिक रूप से विकलांग PCS उम्मीदवारों को 15 वर्ष की छूट दी जाती है, इसक मतलब हुआ की वे 55 वर्ष तक इस परीक्षा में भाग ले सकते हैं। SC/ST/OBC और अन्य सभी आरक्षित श्रेणियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष है।
What is the pattern of PCS examination? (PCS परीक्षा का पैटर्न कैसा होता है?)
इस परीक्षा के तीन चरण होते हैं।
- Prelims – Prelims में दो papers की परीक्षा होती है। यहाँ objective type questions यानी MCQs पूछे जाते हैं।
- Mains – Prelims पास किये बिना आप Mains की परीक्षा में भाग नहीं ले सकते। Mains में 8 papers की परीक्षा होती है और essay/descriptive type के सवाल पूछे जाते हैं। 8 papers में से 4 GS papers होते हैं, दो optional subjects के paper होते हैं, एक हिंदी और एक essay paper होता है।
- Interview – Mains पास कर लेने पर आप Interview के लिए योग्य हो जाते हैं। Interview के द्वारा किसी उम्मीदवार के व्यक्तित्व का आकलन किया जाता है।
Now let us have a glance at the roles and responsibilities of a PCS officer (आइए अब एक PCS अधिकारी की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों पर एक नज़र डालते हैं):
Sub-divisional Magistrate, Additional City Magistrate, City Magistrate, Additional District Magistrate और Additional Divisional Commissioner जैसे फील्ड पदों पर तैनात होने पर किसी PCS अधिकारी के महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है भूमि राजस्व एकत्र करना तथा राजस्व और अपराध के मामलों में अदालतों के रूप में कार्य करना।
कानून और व्यवस्था बनाए रखना, केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों को जमीनी स्तर पर लागू करना, जनता और राज्य सरकार के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करना भी इनके जिम्मेदारियों में शामिल है।
Minister-in-charge, Additional Chief/Principal Secretary, और संबंधित विभाग के सचिव के परामर्श से, राज्य सरकार के प्रशासन और नीति निर्माण और कार्यान्वयन सहित दैनिक कार्यों का प्रबंधन PCS अधिकारी करते हैं।
PCS के तहत विभिन्न पदों की जिम्मेदारियों पर एक नज़र:
- SDM – उप-प्रशासन जिले के प्रभारी और कर संग्रह।
- DSP – निर्धारित क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखना।
- Assisting Labor Commissioner- श्रम नियमों को लागू करना।
- BDO – बैक-एंड विकास गतिविधियों के लिए जिम्मेदार।
- Tehsildar – तहसील राजस्व रिकॉर्ड और राजस्व खातों के रखरखाव।
- Deputy Superintendent Jail – जेल में बंद कैदियों की देखभाल करना, कैदी अनुशासन और व्यवस्था को लागू करना और बनाए रखना।
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PCS full form in Hindi: Conclusion
Civil service का सपना रखने वालो क्षात्रो के लिए PCS एक बेहतरीन ऑप्शन है। यह सबसे लोकप्रिय सेवाओं में से एक सेवा है जिसके लिए लाखो क्षात्र दिन रात मेहनत कर रहे हैं। PCS परीक्षा पास कर एक अधिकारी बनना और उस अधिकारी का रुतबा, पॉवर आपको motivate कर सकती है इस परीक्षा की तैयारी करने के लिए। परन्तु किसी भी विभाग में किसी भी पद के लिए परीक्षा की तैयारी करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी होना आवश्यक है।
इस लेख में मैंने आपको PCS की सारी महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोसिस किया है जैसे PCS kya hai, PCS ka full form (PCS full form in Hindi), PCS परीक्षा की तैयारी कैसे करें, PCS के लिए न्यूनतम योग्यता, उम्र सीमा, PCS के अंडर विभिन्न पदों की जानकारी। आदि।
अंत में मैं आप से यही कहना चाहूँगा की अगर आपको PCS full form, what is PCS in Hindi वाली यह लेख पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पे शेयर जरुर करें। अगर आप कुछ कहना या पूछना चाहते हैं तो निचे कमेंट कर सकते हैं।