ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती, हम जीवन पर्यंत कुछ न कुछ नया सीखते रहते है। वही इंग्लिश के बहुत से टर्म है जिससे काफी लोग अनजान होते है। इसी कड़ी में आज हम OPD के बारे में चर्चा करेंगे, यह चिकित्सा जगत से जुड़ा टर्म है।
जब कभी भी आप अपना या किसी और का इलाज करवाने हॉस्पिटल जाते है, तो ऐसे में आपको तरह- तरह के नए फुल फॉर्म संबंधी टर्म सुनने को मिलता है। जिनमे से एक कॉमन वर्ड आपको अक्सर सुनने में आता होगा। वो खास टर्म OPD है। इसे सुनकर आप एक सेकंड के लिए ही सोच में पड़ जाते होगें।
ओपीडी टर्म चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़ा है। प्रत्येक अस्पताल में ओपीडी होती है, और पेशेंट के लिए ओपीडी बेहद सहायक डिपार्टमेंट होता है।
रोगी के प्रकार (types of patient)
ओपीडी के बारे में जानकारी हासिल करने से पहले आपको जान लेना चाहिए कि रोगी कितने प्रकार के होते है। वैसे तो बहुत लोगों को यह मालूम नहीं होगा कि मरीजों के प्रकार भी होते हैं, लेकिन साथियों हम आपको बता दें कि सामान्य रूप से मरीज दो प्रकार के होते हैं।
- आउट पेशेंट
- पेशेंट
ऐसे रोगी जिनको अधिक समय तक हॉस्पिटल में रहने की कोई आवश्यकता नहीं होती। उन्हें आउट पेशेंट यानी बाह्य मरीज कहा जाता है। इस तरह के पेशेंट को 24 घंटे से कम ही हॉस्पिटल में रहने की आवश्यकता होती है।
वही ये मरीज अपने रोग को घर रहकर ही साधारण इलाज के जरिए अपना ट्रीटमेंट कर सकते हैं। वहीँ रोगी का दूसरा प्रकार है “पेशेंट” ये वो रोगी होते हैं जिन्हें लम्बे समय तक हॉस्पिटल में रहने के आवश्यकता होती है।
OPD full form: ओपीडी क्या है, इसका फुल फॉर्म
ओपीडी का अंग्रेजी फुल फॉर्म “Out patient Department” है। वही हिंदी में हम आउट पेशेंट विभाग (बाहरी रोगी विभाग) के नाम से जानते हैं। प्रत्येक हॉस्पिटल में आउट पेशेंट डिपार्टमेंट निश्चित रूप से होता है। इसे हम अपने सुविधा की दृष्टि से ओपीडी के नाम से जानते है। ओपीडी असल में एक आउटपेशेंट क्लीनिक होता है। इसके तहत आउट पेशेंट का ट्रीटमेंट,देखरेख और जांच जैसी अनगिनत सुविधा उपलब्ध होती है।
एक अच्छे जानकार होने के नाते आपको out patient के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।
स्पष्ट रूप से कहे तो outpatient को हिंदी में बाह्य रोगी या बाहरी मरीज को कहते है उनका इलाज इस डिपार्टमेंट में किया जाता है।
जो ऐसे बाहरी मरीज जिनका चिकित्सा उपचार अस्पताल में भर्ती होने के बगैर ही किया जाता है। उन्हें ही आउटपेशेंट चिकित्सा के क्षेत्र में कहते हैं। कम शब्दों में कहें तो आउटपेशेंट शब्द का इस्तेमाल उन मरीजों के लिए होता है। जिनका इलाज करने के लिए उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करने की कोई आवश्यकता नहीं होती। इस तरह के मरीजों की देखभाल चिकित्सा, उपचार, जांच परीक्षण आदि ओपीडी में ही होता है।
बाह्य रोगी या बाहरी रोगी का ट्रीटमेंट करने के लिए हर एक अस्पताल में एक आउटपेशेंट डिपार्टमेंट निश्चित तौर पर होता है। जिसे हम हिंदी भाषा में आउटपेशेंट विभाग के नाम से जानते हैं। वही शॉर्ट फॉर्म में इसे ही ओपीडी कहते हैं।
ओपीडी में डॉक्टर के अलावा नर्स उपलब्ध रहते हैं। यह खासतौर पर बाहर के रोगी का इलाज करने के लिए सभी जरूरी चिकित्सा उपचार सेवाएं, जांच परीक्षण करने की सुविधा करने के अलावा छोटी शल्य चिकित्सा मुहैया कराई जाती हैं। ओपीडी में रोगी को विभिन्न स्वास्थ्य से जुड़ी जांच की सुविधा दी जाती है। जिनमें एक्सरे, प्रयोगशालाओं, मेडिकल रिकॉर्ड, कार्यालय और फार्मेसी के अलग-अलग कक्ष होते है।
स्पष्ट शब्दों में कहें तो अस्पताल के ओपीडी में उन बाहरी मरीजों विभिन्न तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराता है। जिनकी उनको बेहद जरूरत होती है। हॉस्पिटल के इस विभाग में रोगी को उपचार, इलाज और जांच विभिन्न सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। यहां पर इलाज करा रहे पेशेंट को एडमिट करने की कोई आवश्यकता नहीं होती।
ओपीडी यानी कि आउट पेशेंट डिपार्टमेंट अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ही सामान्य तौर पर होता है। ओपीडी में प्रवेश करने वाले मरीजों को रिसेप्शन डेस्क पर जाकर पंजीकरण कराना होता है। वही पंजीकरण करने के बाद उसे डॉक्टर के पास ट्रीटमेंट करने के लिए भेज दिया है।
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ओपीडी (OPD) की चिकित्सा के क्षेत्र में जरूरत?
हॉस्पिटल का ओपीडी विभाग मरीजों के लिए बेहद अहम भूमिका निभाता है। पेशेंट के ओपीडी में आने के बाद बाकी की भूमिका ओपीडी के डिपार्टमेंट की होती है। जैसे की मरीज का हालत कैसा है। वही मरीज की हालत में जैसे जैसे सुधार होता जाता है उसी के अनुसार उसकी स्थिति को देखते हुए डिसीजन लेना होता है कि उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराना है, या इलाज के बाद डिस्चार्ज कर देना है। यहां पर जिस पेशेंट की हालत जैसी होती है वैसे ही पेशेंट को आगे के ट्रीटमेंट के लिए भेजा जाता है।
लेकिन आप इससे शायद आप वाकिफ होंगे कि हर अस्पताल में मरीजों के इलाज की एक लिमिट होती है कि कितने मरीजों का ट्रीटमेंट किया जाना संभव है। ऐसे में वहां पर ओपीडी विभाग बेहद अहम भूमिका निभाता है। क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि कई मरीज ऐसे होते है। जिन्हे सामान्य रूप से दिक्कत होती है। उनका तत्काल रूप से इलाज करवा कर घर के लिए वापस भेज दिए जाते है।
ओपीडी(OPD) और आईपीडी(IPD) में मौजूदा अंतर
जैसा कि आपको को अब तक पता चल गया होगा कि ओपीडी में मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधा प्रदान की जाती है। यहां पर मरीजों को खास देख भाल की जाती है। जिनको हॉस्पिटल में एडमिट करने की जरूरत होती है। वही रोगी की हालत में सुधार पाए जाने पर उनको केवल परामर्श जांच और मेडिसिन देने के बाद घर के लिए भेज दिया जाता है। इस तरह के मरीजों को ही outpatient कहा जाता है।
वहीँ दूसरी ओर IPD में वैसे मरीज को एडमिट कर लिया जाता है जिनकी हालत ज्यादा खराब होती है और जिन्हें डॉक्टर और नर्ष की निगरानी में रहने की जरूरत होती है। ये वो मरीज होते हैं जिन्हें साधारण रूप से इलाज करके, दवा देके घर नही भेजा जा सकता है।
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OPD full form: Conclusion
आज के ब्लॉग में आपको OPD के फुल फॉर्म के बारे में बेहद खास जानकारी दी है। ये चिकित्सा से जुड़ा टर्म है। हॉस्पिटल में अक्सर लोगो को किसी न किसी वजह से आना जाना होता है। ऐसे में उनको ओपीडी से जुड़ी जानकारी होनी बेहद अनिवार्य है।
इस लेख में मैंने आपको OPD की सारी महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोसिस किया है जैसे OPD kya hai, OPD ka full form (OPD full form in Hindi), OPD full form in medical आदि।
अंत में मैं आप से यही कहना चाहूँगा की अगर आपको OPD full form, what is OPD in Hindi वाली यह लेख पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पे शेयर जरुर करें। अगर आप कुछ कहना या पूछना चाहते हैं तो निचे कमेंट कर सकते हैं।