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MSP Full Form – एमएसपी क्या है इसके उदेश्य, लाभ, हानि (MSP full form in Hindi)

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MSP Full Form: Guys do you know what is the meaning and full form of MSP? I know that you don’t know about it and really most of the people don’t know the MSP full form in Hindi (MSP ka full form). If you also don’t know about it then don’t panic because in this post I will tell you what is the correct full form and Hindi meaning of MSP. (जानिए MSP की फुल फॉर्म, MSP Ka Full Form).

आज हम एक महत्त्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे – MSP। सबसे पहले आपको यह जानना चाहिए की MSP होता क्या है। भारत सरकार द्वारा MSP मुख्य रूप से भारतीय किसानो के लिए लाया गया है और यह किसानो के लिए एक वरदान से कम नहीं है।

msp full form in hindi

एमएसपी को किसानों के लिए ‘सुरक्षा जाल’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह कृषि क्रांति का मूल है जिसने भारत को भोजन की कमी से खाद्य-अधिशेष राष्ट्र में बदलते देखा है। भारत में वित्तीय उतार-चढ़ाव के प्रभावों को दूर करने के लिए, पिछले कुछ वर्षों में एमएसपी ने किसानों की मदद की है।

पर क्या आप जानते हैं की MSP का फुल फॉर्म (MSP Full Form In Hindi) क्या है, इसके मुख्य उदेश्य क्या है, एमएसपी से किसानो को क्या फायदा होता है आदि? हो सकता है की आप एक किसान हो या किसान परिवार से हो। ऐसे में MSP के बारे में जानना आपके लिए और जादा आवश्यक है। तो चलिए जानते हैं MSP के बारे में-

MSP Full Form In Hindi – MSP क्या होता है इसका फुल फॉर्म?

MSP का full form in English: Minimum Support Price

MSP का full form in Hindi: मिनिमम सपोर्ट प्राइस या “न्यूनतम समर्थन मूल्य“।

MSP (Minimum Support Price) भारत सरकार द्वारा उत्पादकों और किसानों को उत्पादन के वर्षों के दौरान बहुत अधिक कीमतों में गिरावट से बचाने के लिए निर्धारित की गयी मूल्य है। MSP के माध्यम से सरकार भारत में किसानों को बाजार और प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखती है।

देखा जाए तो MSP किसानों के लिए “Safety Net” या सुरक्षा जाल का काम करती है। MSP क्या है और यह क्या काम करती है, इसकी धारणा तो आपको मिल चुकी है। अब MSP के उद्देश्य, इसकी उत्पत्ति, इसके लाभ एवं नुकसान के बारे में जानने के लिए पूरे article को अवश्य पढ़ें। साथ ही साथ हम यह भी जानेंगे की कौन सी फसलें  MSP के अंतर्गत आती हैं। 

  • पढ़ें– IPS Full Form In Hindi

MSP के उद्देश्य

MSP के मूलतः दो उद्देश्य हैं:

  • संकटग्रस्त बिक्री से किसान को बचाना।
  • सार्वजनिक वितरण के लिए खाद्यान्न खरीदना।

MSP कुछ महत्वपूर्ण फसलों के लिए लागू है जिसे सरकार सीधे किसानों से खरीदती है। MSP यह सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था कि किसान को अपनी फसल के लिए तब भी कम से कम लाभ मिले जब कृषि उत्पादों के दामों में तेज़ी से गिरावट होती है।  

Origin of MSP – MSP की उत्पत्ति:

1960s में भारत में हरित क्रांति यानी Green Revolution की शुरुआत हो चुकी थी। हरित क्रांति (Green Revolution) के दौरान कई कृषि नीतिगत पहलों (agricultural policy initiatives) का प्रस्ताव रखा गया था, जिसमें खाद्यान्न के लिए एक सरकारी मूल्य निर्धारण करना भी शामिल था। Green Revolution के मुख्य उद्देश्यों में से एक था कृषि भूमि उत्पादन को बढ़ावा देना।

इसके लिए कुछ उपाय अपनाये गए जैसे उच्च उपज वाली खेती, बेहतर उपकरण और उर्वरक। इसमें भूमि उत्पादकता बढ़ाने के लिए लक्षित मूल्य नीति समर्थन शामिल था। Land productivity में सुधार लाने के लिए मूल्य नीति समर्थन को लक्षित किया गया था।

इसी कारण से सन् 1965 में Agricultural Price Commission (APC) का गठन हुआ। APC ने पूर्व-निर्धारित खरीद मूल्य (pre-determined procurement prices), न्यूनतम समर्थन मूल्य (minimum support prices) और एक वितरण प्रणाली (distribution system) सहित कई मूल्य उपायों को लागू किया, जो subsidized rates पर खाद्यान्न प्रदान करते थे।

Agricultural Price Commission (APC) को March 1985 में Commission for Agricultural Costs and Prices (CACP) के नाम से पुनर्गठित किया गया जिसमे कई नयी नीतियां शामिल थी। CACP के अलावा, Food Corporation of India (FCI) और National Agricultural Co-operative Marketing Federation (NAFED) जैसे संस्थान भी MSP के कार्यान्वयन में शामिल थे।

गेहूं MSP के तहत पहली फसल थी जिसका मूल्य निर्धारण सरकार द्वारा किया गया था – 54 रूपए प्रति क्विंटल।

  • पढ़ें: IPS full form in Hindi

How MSP advantaged the farmers? (MSP से किसानों को कैसे फायदा हुआ?)

MSP एक Base Price के रूप में काम करती है जिससे उत्पादकों और किसानों को सरकार से यह आश्वासन मिलता है की उनकी वस्तुओं की कीमतें सरकार द्वारा निर्धारित किये गए निश्चित स्तर से नीचे नहीं जायेगी, चाहे market prices कितने भी कम क्यों न हो जाए। MSP से किसानों को बहुत लाभ हुआ है जो की कुछ इस प्रकार है:

  • MSP के परिणामस्वरूप, किसानों को सबसे बड़ा लाभ यह हुआ है कि वे जानते हैं कि उन्हें अपनी फसलों का उचित मूल्य मिलेगा, चाहे कुछ भी हो जाए।
  • जब कोई किसान अपना उत्पाद सरकारी मंडी में बेचता है, तो उसे प्राप्त होने वाली पूरी राशि तुरंत उसके बैंक खाते में जमा हो जाती है, जिसमें कोई दलाल या भ्रष्टाचार शामिल नहीं होता है।
  • सरकार इन फसलों को सीधे किसानों से खरीद कर government fair pricing shops में बाजार दर से कम कीमत पर बेच सकती है। इससे सरकार इन फसलों को वाजिब कीमत में गरीबों तक पंहुचा सकती है।
  • MSP द्वारा सरकार कम उपज वाली फसलों के विकास को नियंत्रित कर सकती है। सरकार इन फसलों के लिए अधिक price support प्रदान करती है ताकि किसान उन्हें उगाने के लिए प्रेरित हों। किसानों को यह आश्वासन मिलता है की वे सरकार द्वारा निर्धारित fixed Minimum Support Price के चलते अपनी निवेश की हुई रकम का कम से कम 50% वसूल कर पाएंगे।
  • अगर किसी वर्ष देश में बड़ी मात्रा में फसल पैदा होती है, तो MSP किसानों को गारंटी देता है की उन्हें न्यूनतम मूल्य यानी Minimum Support Price ज़रूर मिलेगा चाहे उस फसल की बाजार में कीमत कितनी भी हो।

What are the disadvantages of MSP? (MSP के नुकसान क्या हैं?)

ऐसा नहीं है की MSP से किसानों ने सिर्फ लाभ उठाया है, उन्हें कुछ नुकसानों का भी सामना करना पड़ा है:

  • MSP के कारण, किसानों को अपनी उत्पादन लागत और उसमें लगने वाले समय के आधार पर अपनी फसल चुनने की स्वतंत्रता नहीं मिलती है। 
  • ऐसे कई किसान हैं जिन्हें  Minimum Support Price के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है, अंततः वे दलालों के चक्कर में फंस जाते हैं।
  • सरकार हर साल MSP घोषणा करती है लेकिन यह न्यूनतम दर बढ़ती manufacturing costs के अनुपात में नहीं बढ़ता है।
  • बाजार में सरकारी हस्तक्षेप market competition को खत्म कर देती है और open market की कार्यक्षमता में बाधा डालती है।
  • MSP के कारण सरकार की फसल प्राप्त करने के maintenance costs में बढ़ोतरी हुई है। इसका असर सरकार के कृषि निवेश बजट पर पड़ सकता है। 

How is MSP determined? (MSP कैसे निर्धारित किया जाता है?)

सरकार हर फसल के मौसम की शुरुआत में MSP की घोषणा करती है। हमारे देश में दो प्रमुख फसल मौसम ‘रबी’ और ‘खरीफ’ हैं। MSP cost of production, changes in input prices, demand and supply, trends in market prices, effect on general price level जैसे अनेक पहलुओं को ध्यान में रख कर मूल्य निर्धारित करता है।

कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर, कृषि और सहकारिता विभाग, भारत सरकार, 22 फसलों के लिए उनके बुवाई के मौसम से पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित करता है।

  • पढ़ें: SSC full form in Hindi

निम्नलिखित फसलों को MSP के तहत शामिल किया गया है:

अनाज (cereals):

  1. धान (Paddy)
  2. गेहूँ (Wheat)
  3. मक्का (Maize)
  4. चारा (Sorghum)
  5. बाजरा (Pearl Millet)
  6. जौ (Barley)
  7. रागी (Ragi)

दाल (Pulses):

  1. चना (Chickpea)
  2. तूर (Tur)
  3. मूंग (Moong)
  4. उड़द (Urad)
  5. मसूर (Lentil)

तिलहन (Oilseeds):

  1. मूंगफली (Peanut)
  2. रेपसीड (Rapeseed)
  3. सोया बीन (Soyabean)
  4. तिल (Sesame)
  5. सूरजमुखी (Sunflower)
  6. कुसुम (Safflower)
  7. नाइजर बीज (Niger Seed)

 वाणिज्यिक फसलें (Commercial crops):

  1. खोपरा (Copra)
  2. गन्ना (Sugarcane)
  3. कपास (Cotton)
  4. कच्चा जूट (Raw jute)  

MSP Full Form: Conclusion

दोस्तों मैं आपको बताना चाहूँगा, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कुछ कृषि उत्पादों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मूल्य है, जिस पर उत्पादों को सीधे किसानों से खरीदा जाएगा यदि खुले बाजार की कीमतें लागत से कम हैं। यूपीएससी परीक्षा के लिए यह एक महत्वपूर्ण विषय है।

इस लेख में मैंने आपको MSP की सारी महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोसिस किया है जैसे MSP kya hai, MSP ka full form (MSP full form in Hindi), एमएसपी के फायदे व नुकसान क्या है? इसकी उत्पत्ति कब हुई आदि।

अंत में मैं आप से यही कहना चाहूँगा की अगर आपको MSP full form, what is MSP in Hindi वाली यह लेख पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पे शेयर जरुर करें। अगर आप कुछ कहना या पूछना चाहते हैं तो निचे कमेंट कर सकते हैं।

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