प्रिय पाठक, आज के इस महत्वपूर्ण पोस्ट में आपका स्वागत है। हिन्दी भाषा एक लोकप्रिय और काफी प्रचलित भाषा है जो भारत, पाकिस्तान, नेपाल, और बंगलादेश आदि में बोली समझी जाती है।
मुख्य रूप से हिन्दी भाषा भारत देश में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है और यह भारत के कोने कोने में बोली और समझी जाती है। आज के इस पोस्ट में मैं आपको हिन्दी भाषा की ही एक महत्वपूर्ण जानकारी देने वाला हूँ जिसे हम लोग हिन्दी वर्णमाला (Hindi Varnamala) या Hindi Alphabet के नाम से जानते हैं।
दुनिया में लाखो भाषाएँ बोली जाती है और हर भाषा को लिखने या बोलने के कुछ नियम होते हैं। इन नियम को हम ग्रामर या हिन्दी में व्याकरण के अंतर्गत पढ़ते हैं।
व्याकरण की परिभाषा- किसी भी भाषा को सुध सुध लिखने बोलने और पढने की विद्या को हम व्याकरण और इंग्लिश में ग्रामर कहते हैं। मैं अभी आपको ग्रामर के बारे में इसलिए बता रहा हूँ क्योकि अभी जो हम वर्णमाला (Hindi Varnamala) के बारे में पढने वाले हैं ये भी हिन्दी व्याकरण के अंतर्गत आता है।
आपको याद होगा जब भी हम सुरु में बचपन में स्कूल जाना प्रारंभ करते हैं तो सुरु में हमे हिन्दी वर्णमाला और इंग्लिश वर्णमाला ही पढ़ाया जाता है ताकि हम लिखने और बोलने सिख सकें। पर ग्रामर के दृष्टि से उस समय हमे हिन्दी वर्णमाला तो पढ़ा दी जाती है पर वो आधी अधूरी होती है।
इसलिए आज के इस पोस्ट में हम हिन्दी वर्णमाला (Hindi Alphabets) के बारे में सब कुछ पढेंगे जैसे हिन्दी वर्णमाला (Hindi Alphabets) क्या है, वर्ण (Letter) क्या होते हैं, हिन्दी में कितने वर्ण होते हैं, स्वर और व्यंजन क्या है और कितने स्वर होते हैं, कितने व्यंजन होते हैं आदि। तो चलिए अब हम इन सबके बारे में विस्तार से जानते हैं-
Hindi Alphabet (हिन्दी वर्णमाला) – स्वर (Vower) और व्यंजन (Consonant)
Hindi Alphabets – Vowel (स्वर):
अ | आ | इ | ई | उ |
ऊ | ऋ | ए | ऐ | ओ |
औ | अं | अ: |
Hindi Alphabet – Consonant (व्यंजन):
क | ख | ग | घ | ङ |
च | छ | ज | झ | ञ |
ट | ठ | ड | ढ | ण, ड़, ढ़ |
त | थ | द | ध | न |
प | फ | ब | भ | म |
य | र | ल | व | श |
ष | स | ह | क्ष | त्र |
ज्ञ |
यहाँ पे ऊपर हिन्दी वर्णमाला दिया गया है जो हमे बचपन में स्कुलो में पढाया जाता है पर इतना ही जानना हमारे लिए प्रयाप्त नहीं है । आइये जानते हैं आखिर ये हिन्दी वर्णमाला या Hindi Alphabets क्या हैं और साथ हिन्दी अल्फाबेट्स में वर्ण यानि letter क्या होते हैं और इनकी कुल कितने संख्या है, स्वर (vowel) क्या है और इनकी संख्या कितनी होती है, व्यंजन क्या है और इनकी संख्या कितनी होती है आदि। क्योकि व्याकरण के दृष्टि से ये जानना बहुत जरुरी है-
हिन्दी वर्णमाला (Hindi Alphabet) के भेद: वर्ण (Letter), स्वर (Vowel) और व्यंजन (Consonant)
वर्णमाला (Alphabet) क्या है?
आशान शब्दों में, वर्णों या अक्षरों के समूह को ही वर्णमाला कहते हैं। जैसा की इसके नाम से ही पता चल रहा है वर्ण+माला अर्थात वर्णों की माला या समूह। ऊपर सभी वर्णों का व्यवस्थित समूह दिया गया है जो की वर्णमाला कहलायेगा। प्रत्येत भाषा का अपना अलग एक वर्णमाला या अल्फाबेट्स होते हैं जिसमे वर्णों यानि अक्षरों (Letters) का व्यवस्थित समूह होता है।
वर्ण (Letter) क्या है?
मूल रूप से वर्ण वे चिन्ह होते हैं जो हमारे मुख से निकली ध्वनियों के लिखित रूप हैं या दुसरे शब्दों में, हमारे मुख से निकली ध्वनियों या शब्दों को लिखने में इस्तेमाल किये जाने वाले चिन्ह ही वर्ण या इंग्लिश में letter कहलाते हैं।
आशान भाषा में वर्ण की परिभाषा- वह छोटी से छोटी (सबसे छोटी) ध्वनि जिसके और टुकड़े नही किये जा सकते हैं उसे ही हम वर्ण कहते हैं। हिन्दी भाषा में वर्ण को हम अक्षर के नाम से भी जानते हैं।
वर्णों का वर्गीकरण: हिन्दी भाषा में सामान्यतः वर्णों का वर्गीकरण, उच्चारण स्थान अर्थात हमारे मुख में अलग अलग स्थान है जैसे कंठ है, होठ हैं, तालू और चिभ हैं आदि के आधार पे और वर्णों के उच्चारण की पद्धति, प्रकृति के आधार पे किया जाता है।
वर्णों के मुख्य रूप से दो भेद हैं, पहला स्वर जिसे इंग्लिश में vowel कहते हैं और दूसरा व्यंजन जिसे इंग्लिश मे consonant कहते हैं।
सभी भाषा को लिखने के लिए एक लिपि (Script) होता है उदाहरन के लिए इंग्लिश भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है वहीँ हिन्दी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। अब क्योकि सभी भाषा का अलग लिपि होता है इसलिए इनके वर्णमाला और वर्णमाला में वर्णों और व्यंजन की संख्या भी अलग अलग होती है।
हिन्दी वर्णमाला में कुल वर्णों की संख्या और इनमे स्वर (vowel) व व्यंजन (Consonant) की संख्या दो आधारों (उच्चारण और लेखन) पे निर्धारित की जाती है और इन दोनों आधार पे सबकी संख्या अलग अलग होती है।
हिन्दी में उच्चारण या बोली के आधार पे कुल 45 वर्ण होते हैं जिनमे 10 स्वर होते हैं और 35 व्यंजन होते हैं जबकि लेखन के आधार पे कुल 52 वर्ण होते हैं जिनमे 13 स्वर 35 व्यंजन व 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।
Hindi Alphabet (हिन्दी वर्णमाला) Chart | Hindi Varnamala Image
ऊपर हमने हिन्दी वर्णमाला और वर्णमाला में स्वर तथा व्यंजन के बारे में देखा की कितने स्वर और कितने व्यंजन होते हैं। अब आइये निचे दी गयी Hindi Varnamala Chart पे एक नजर डालते हैं ताकि सब कुछ क्लियर हो जाये इसके बाद हम हिन्दी वर्णमाला के स्वर और व्यंजन के बारे में और भी विस्तार से पढेंगे।
हिन्दी वर्णमाला: स्वर (Vowel) और व्यंजन (Consonant) की पूरी जानकारी
वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते हैं और वर्णों के मुख्य रूप से दो भेद होते हैं स्वर तथा वयंजन। लेकिन आखिर ये स्वर और व्यंजन होते क्या हैं, इनकी परिभाषा क्या है? आइये, जानते हैं-
1. स्वर (Vowel)
स्वर वे वर्ण होते हैं जिनके उच्चारण में किसी दुसरे वर्ण की सहायता नही ली जाती है बल्कि ये व्यंजन वर्णों के सहायक होते हैं। दिसरे शब्दों में, जिन वर्णों या अक्षरों के उच्चारण में वायु हमारे मुख से बिना की रुकावट या अवरोध के बाहर निकलती है उन्हें स्वर कहते हैं।
उमेश चन्द्र शुक्ल के अनुसार स्वर उन वर्णों को कहते हैं जिन वर्णों का उच्चारण बिना की अवरोध या विध्न बाधा के होता है। जैसे- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः।
ये सभी वर्ण स्वर कहलाते हैं और अगर आप इन वर्णों का उच्चारण करके भी गौर करेंगे तो पाएंगे की वर्णों यानि स्वर के उच्चारण में वायु या श्वास हमारे मुख से बिना किसी रोक के बाहर निकलती है।
2. व्यंजन (Consonant)
ऐसे वर्ण जो बिना किसी स्वरों की सहायता के बिना उच्चारण नहीं होते हैं और जिनके उच्चारण में वायु या स्वास हमारे मुख से अबाध गति से बाहर नहीं निकलती है बल्कि घर्षण और रुकावट के साथ निकलती है उन्हें व्यंजन कहते हैं।
अगर आप व्यंजनों का उच्चारण करने पे ध्यान देंगे तो पाएंगे की इनका उच्चारण हमेशा स्वर की सहायता से ही किया जाता है अर्थात् इनके उच्चारण में स्वर वर्ण भी समिलित होते हैं। क से लेकर ज्ञ तक के सभी वर्ण व्यंजन कहलाते हैं।
उदाहरन के लिए अगर हम “क” लिखते हैं तो भले ही ये देखने में स्वतंत्र वर्ण या अक्षंर लग रहा है पर इसके उच्चारण में “अ” वर्ण छुपा है यानि क। क+अ। इसी प्रकार से, ख। ख+अ, ग। ग+अ आदि।
व्यंजन को वर्गो में लिखा जाता है, ऊपर दी गयी वर्णमाला चार्ट (Hindi Alphabets Chart) में भी आप देखंगे तो पाएंगे की इन्हे अलग अलग वर्ग में लिखा गया है हलाकि चार्ट में वर्गो का नाम तो नहीं लिखा गया है इसलिए इसके बारे में यहाँ देख लीजिये-
व्यंजन वर्ग
- क वर्ग – क , ख , ग , घ , डं
- च वर्ग – च , छ , ज , झ , ञ
- ट वर्ग – ट , ठ , ड , ढ , ण , ड़ , ढ़
- त वर्ग – त , थ , द , ध , न
- प वर्ग – प , फ , ब , भ , म
- अंतः स्थल वर्ग – य , र , ल , व
- उष्म वर्ग – श , ष , स , ह
- संयुक्त वर्ग – क्ष , त्र , ज्ञ , श्र ,
- गृहीत वर्ग – ज़ , फ़ ,ऑ
स्वर और व्यंजन में मुख्य अंतर
ये बड़ा ही अच्छा सवाल है की आखिर स्वर तथा व्यंजन में मुख्य अंतर क्या होता है? तो आइये जानते हैं- स्वर्ण तथा व्यंजन की परिभाषा के अनुसार हम ये कह सकते हैं की स्वर के उच्चारण में वायू बिना किसी अवरोध के हमारे मुख से बाहर निकलती है और साथ ही इनका उच्चारण बिना किसी व्यंजन के मदद से किया जाता है।
जबकि वहीँ दूसरी और व्यंजन वे वर्ण होते हैं जिनका उच्चारण में वायु हमारे मुख से रुकावट और टकराव के साथ बाहर निकलिती है तथा इनका उच्चारण बिना स्वर के उपयोग के नही किया जा सकता है।
ये भी पढ़ें:
Hindi Alphabet (हिन्दी वर्णमाला) FAQ: सवाल-जवाब
हिन्दी में सभी वर्णों या अक्षरों के समूह को वर्णमाला कहते हैं। वर्ण का मतलब है सबसे छोटी ध्वनी और माला का मतलब है समूह। इस प्रकार वर्णमाला का मतलब हुवा वर्णों का समूह।
वह छोटी से छोटी (सबसे छोटी) ध्वनि जिसके और टुकड़े नही किये जा सकते हैं उसे ही हम वर्ण कहते हैं। वर्णों को हम अक्षर के नाम से भी जानते हैं।
वे सभी वर्ण जिनके उच्चारण में वायु हमारे मुख से रुकावट या अवरोध से बाहर निकलती है उन्हें ही व्यंजन कहा जाता है जैसे- क, ख, ग, घ….. आदि।
हिन्दी वर्णमाला में बोली के आधार पे कुल 45 वर्ण होते होते हैं जिनमे 10 स्वर होते हैं और 35 व्यंजन होते हैं तथा लेखन के आधार पे कुल 52 वर्ण होते हैं जिनमे 13 स्वर, 35 व्यंजन व 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।
Conclusion
तो साथियों इस पोस्ट में हमने हिन्दी वर्णमाला के बारे में विस्तार से पढ़ा। हमने देखा की हिन्दी वर्णमाला (Hindi Alphabet) क्या है, वर्ण (Letter), स्वर (Vowel) और व्यंजन (Consonant) क्या है। साथियों हमारा कोसिस रहता है की किसी भी विषय में आप लोगो को हम विस्तार से और बिलकुल आशान शब्दों में समझा पायें इसीलिए एस पोस्ट में भी हमने बिलकुल आशान तरीके से हिन्दी वर्णमाला के बारे में समझाने की कोसिस किया है।
चाहे हिन्दी बोलना हो या फिर हिन्दी में कुच्छ भी लिखना हो हम वर्णमाला का उपयोग अवश्य करते हैं क्योकि हिन्दी वर्णमाला के वर्णों के उपयोग से ही हिन्दी बना है इसलिए हम सभी को इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए। Hindi Varnamala से जुडी कुछ महतवपूर्ण सवालों के जवाब (Important quation answer related to Hindi varnamala), Varnamala in Hindi, Hindi Barakhadi, Alphabets In Hindi भी बताया है।
अंत में मैं आपसे यही कहना चाहूँगा की अगर आपको ये Hindi alphabet (हिन्दी वर्णमाला) वाली पोस्ट पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पे शेयर जरुर कीजिये ताकि और भी लोग इसे पढ़ सके।
Hindi varnamala is very useful to me……. Thank you very much
I love your article, aapne varnamala par jo complete information share ki hai wo muje bahut pasand aaya.
Alphabet me s nhi lgate h
Thank you, Akash.
हमें इंग्लिश में उच्चारण के साथ हो हमें पढ़ने में सहायता मिले
English meaning pronunciation vocobulary